क्यूँ नहीं ली समाज ने धर्म की शिक्षा ? सीता की अग्निपरीक्षा। क्यूँ नहीं ली समाज ने धर्म की शिक्षा ? सीता की अग्निपरीक्षा।
कहकर ये चला गया सभा में कहकर ये चला गया सभा में
जब दिखे जनक भी मुस्काता तब शायद सार्थक होगी मेरी कविता। जब दिखे जनक भी मुस्काता तब शायद सार्थक होगी मेरी कविता।
जिनकी कृपा होते हृदय से, हो सदा भय का गमन। हे मन! करो श्रीराम का ही, नित भजन हरपल नमन। जिनकी कृपा होते हृदय से, हो सदा भय का गमन। हे मन! करो श्रीराम का ही, नित भजन ...
कुछ अल्फ़ाज़ माँ के नाम। कुछ अल्फ़ाज़ माँ के नाम।